"द्वन्द"



कितना किसका किस्सा
कौन किसका हिस्सा
रात की चाँदनी के खूंटे
पर टंगे ना जाने कितने
ऐसे सवाल...।।

जवाब ढूंढ़ता इंसान
या ख़ुद सवालों-सा इंसान
वो खूंटी वहीं सवाल लिए
बोझ सी रही सीने पर रात के

सुलझ जाए तो ख्वाब हो
उलझ जाए तो हक़ीक़त

चंद फासलों पर खड़ी
रात और दिन की ज़िंदगी
कोई दिन में रात -सा
कोई रात में दिन सा

कौन कितना है 'अंदर'
कौन कितना है 'बाहर'
रात की खूँटी पर टंगे
ना जाने कितने ऐसे सवाल.....।।

#Preeति



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