जाने वाले....❤️
लैपटॉप पर उसकी उंगलियां दौड़ रही थीं एक एक शब्द को वो मकान की ईंटों की तरह जोड़ रही थी...किरदारों में रंग भी भरना था उसे...और फिर खड़ी करनी थी एक नई दुनियां..जहाँ वो हैप्पी एंडिंग वाली ख़ुशियाँ ढूंढती थी..औरो के लिए वो पागल थी...पर फिर भी वो अपनी ही कैद में खुश थी...।। जिन्हें कह नही पाती उन बातों को आसानी से लिख दिया करती थी वो... सपनें जो पूरे नही हुवे उसे कहानियों में पूरा करती वो ऐसा नही था कि उसने कभी सहारा नही लिया या अपने गमो को बांटना ना चाहा हो पर जो भी आया वो अपने वक़्त के हिसाब से चला भी गया जाने वालों ने कभी उसकी मर्ज़ी नही पुछी ना ही पलट कर देखा और फिर रह जाती सिर्फ वो और हज़ार सवाल..अतीत में जुड़ता एक और अतीत...। उसे कभी समझ नही आया कि आने वाले आते वक्त इतनी मिन्नतें क्यों करते हैं, इतने वादे क्यों करते हैं जब उन्हें निभाना ही ना हो तो क्या उन्हें औरों की उम्मीदों के टूटने का ज़रा सा भी एहसास नही होता! इंसान जिस से प्यार के हज़ार दावे करता है उसे ही तोड़ कर क्यों रख देता है ये बात उसे कभी समझ नही आई क्योंकि उसके लिए प्यार का मतलब किसी एक का होजाना होता...